Detailed Notes on Shodashi

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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।

बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

During the context of energy, Tripura Sundari's magnificence is intertwined with her toughness. She is not just the symbol of aesthetic perfection but in addition of sovereignty and conquer evil.

The devotion to Goddess Shodashi is actually a harmonious combination of the pursuit of beauty and the quest for enlightenment.

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं

या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः

Her magnificence is often a gateway to spiritual awakening, earning her an item of meditation and veneration for all those in search of to transcend worldly wants.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥

Cultural gatherings like people dances, audio performances, and plays may also be integral, read more serving like a medium to impart classic stories and values, Primarily on the more youthful generations.

कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया

As one of the 10 Mahavidyas, her Tale weaves from the tapestry of Hindu mythology, presenting a wealthy narrative that symbolizes the triumph of good above evil and the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

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